सैन्य जीवन
15 सितम्बर 1941 को उन्होंने सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन में दाखिला लिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बर्मा अभियान के दौरानएडमिन बॉक्स की लड़ाई में उनके आचरण और साहस के लिए उन्हें मिलिट्री मैडल से सम्मानित किया गया था। एक युवा, युद्ध-सुसज्जितसिपाही के रूप में उन्होंने अपनी बटालियन में साथी सैनिकों से सम्मान अर्जित किया।
भारत-पाकिस्तान युद्ध 1947
1947 में भारत की आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान ने कश्मीरी रियासत के लिए लड़ाई लड़ी। संघर्ष के प्रारंभिक चरणों के दौरानपाकिस्तान के पश्तून आदिवासी सैन्य टुकड़ियों ने राज्य की सीमा पार कर दी तथा टिथवाल सहित कई गांवों पर कब्जा कर लिया। कुपवाड़ा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर स्थित यह गांव भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। 23 मई 1948 को भारतीय सेना नेपाकिस्तानी सैनिकों से टिथवाल पर से कब्जा वापस ले लिया लेकिन पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र को फिर से प्राप्त करने के लिए एक त्वरितहमले शुरू कर दिए।
पाकिस्तानी हमले के दौरान भारतीय सैनिक जो उस हमले का सामना करने में असमर्थ थे अपने स्थिति से वापसटिथवाल रिज तक चले गए और उपयुक्त पल के लिए तैयारी करने लगे। चूंकि टिथवाल की लड़ाई कई महीनों तक जारी रही, पाकिस्तानियों ने हताश होकर 13 अक्टूबर को बड़े पैमाने पर हमले शुरू कर दिएताकि भारतीयों को उनकी स्थिति से हटाया जा सके।
उनका प्राथमिक उद्देश्य टिथवाल के दक्षिण में स्थित रीछमार गली और टिथवालके पूर्व नस्तचूर दर्रे पर कब्जा करना था। 13 अक्टूबर की रात को रीछमार गली पर भयानक लड़ाई के दौरान लांस नायक करम सिंह 1सिख की अग्रिम टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। लगातार पाकिस्तानी गोलीबारी में सिंह ने घायल होते हुए भी सहस नहीं खोया और एकऔर सैनिक की सहायता से वह दो घायल हुए लोगों को साथ लेकर आए थे।
युद्ध के दौरान वह सिंह एक स्थिति से दूसरी स्थिति पर जातेरहे और जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए ग्रेनेड फेंकते रहे। दो बार घायल होने के बावजूद उन्होंने निकासी से इनकार कर दिया और पहलीपंक्ति की लड़ाई को जारी रखा। पाकिस्तान की ओर से पांचवें हमले के दौरान दो पाकिस्तानी सैनिक सिंह की स्थिति के करीब आ गए।मौका देखते ही सिंह खाई से बाहर उनपर कूद पड़े और संगीन (बैनट) से उनका वध कर दिया जिससे पाकिस्तानी काफी हताश हो गए।इसके बाद उन्होंने तीन और हमलों को नाकाम किया और सफलतापूर्वक दुश्मन को पीछे हटा दिया। (लेख – सूबेदार एवं मानद कैप्टन करम सिंह Subedar and Honorary Captain Karam Singh)
सम्मान
लांस नायक करम सिंह को भारत-पाकिस्तान युद्ध 1947 के दौरान उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस 1950 के दिन परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।